रामायण की कथा को सरल भाषा में जानें राम का वनवास सीता हरण और रावण का अंत|pauranik katha | Ramayan katha |Ramayan kahani

 रामायण एक बहुत पुरानी और खास कहानी है जो भारत में हर कोई जानता है। यह भगवान राम की जिंदगी की कहानी है, जो हमें सिखाती है कि मुश्किल वक्त में भी सच्चाई और अच्छाई के रास्ते पर चलना चाहिए। इस लेख में हम रामायण को बहुत आसान शब्दों में समझेंगे, ताकि बच्चे से लेकर बड़े तक सबको मजा आए।!


अयोध्या में शुरू हुई कहानी - रामायण की शुरुआत होती है अयोध्या से। यह एक बहुत सुंदर शहर था, जहाँ राजा दशरथ रहते थे। उनके पास तीन रानियाँ थीं - कौशल्या, सुमित्रा और कैकेयी। लेकिन उनके कोई बच्चा नहीं था। दशरथ बहुत दुखी थे। फिर एक दिन उन्होंने एक खास पूजा की, जिससे उन्हें चार बेटे मिले - राम, भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न।


राम सबसे बड़े थे और सबके प्यारे थे। वह बहुत अच्छे, शांत और समझदार थे। चारों भाई आपस में बहुत प्यार करते थे। अयोध्या में सब खुश थे। लेकिन यह खुशी ज्यादा दिन नहीं चली।


राम को जंगल भेजा गया ! जब राम बड़े हुए, तो दशरथ ने सोचा कि उन्हें अगला राजा बनाया जाए। सब बहुत खुश थे। लेकिन कैकेयी की नौकरानी मंथरा को यह बात पसंद नहीं आई। उसने कैकेयी को भड़काया कि अपने बेटे भरत को राजा बनवाओ। कैकेयी को पहले दशरथ ने दो वचन दिए थे। उसने उन वचनों का इस्तेमाल किया। पहला, भरत को राजा बनाओ। दूसरा, राम को 14 साल के लिए जंगल भेज दो।


दशरथ बहुत रोए, लेकिन वचन तोड़ नहीं सकते थे। राम को यह बात पता चली तो उन्होंने कहा, "पिताजी, मैं खुशी से जंगल जाऊँगा।" राम के साथ उनकी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण भी जंगल चले गए।


जंगल में मुश्किलें- जंगल में राम, सीता और लक्ष्मण ने बहुत सारी परेशानियाँ देखीं। वे जंगली जानवरों के बीच रहे, लेकिन कभी डरे नहीं। वहाँ कई साधु-संत रहते थे, जो राक्षसों से परेशान थे। राम और लक्ष्मण ने उन राक्षसों को मारा और साधुओं को बचाया।


एक दिन रावण की बहन शूर्पणखा आई। उसे राम अच्छे लगे और उसने शादी की बात की। राम ने मना कर दिया। शूर्पणखा गुस्सा हो गई और सीता पर हमला करने लगी। लक्ष्मण ने उसकी नाक काट दी। यह बात रावण को पता चली और उसने बदला लेने की ठानी।


सीता को रावण ले गया! रावण लंका का बहुत ताकतवर राजा था। उसने अपने दोस्त मारीच को एक सुनहरा हिरण बनाया। सीता ने हिरण देखा और राम से कहा, "इसे पकड़ लाओ।" राम हिरण के पीछे गए। मारीच ने राम की आवाज में चीख मारी। सीता डर गईं और लक्ष्मण को भेज दिया। तब रावण साधु बनकर आया और सीता को उठा ले गया।


राम और लक्ष्मण लौटे तो सीता नहीं थी। वे बहुत दुखी हुए और सीता को ढूंढने निकल पड़े।


हनुमान और बंदरों की मदद -रास्ते में राम की मुलाकात सुग्रीव से हुई। सुग्रीव बंदरों का राजा था। उसका भाई बाली उससे नाराज था। राम ने बाली को मारा और सुग्रीव को उसका राज्य वापस दिलाया। सुग्रीव ने कहा, "मैं अपनी बंदर सेना के साथ आपकी मदद करूँगा।" उस सेना में हनुमान सबसे ताकतवर थे।


हनुमान समुद्र के ऊपर से कूदकर लंका गए। वहाँ उन्होंने सीता को एक बगीचे में देखा। हनुमान ने सीता को राम की अंगूठी दी और कहा, "राम आपको बचाने आएँगे।" फिर हनुमान ने लंका में आग लगा दी और रावण को डराया।


राम और रावण का लड़ाई- राम ने बंदरों के साथ मिलकर समुद्र पर एक पुल बनाया। वे लंका पहुँचे और रावण से लड़ाई शुरू हुई। रावण की सेना में बहुत बड़े-बड़े सैनिक थे, लेकिन राम, लक्ष्मण और हनुमान ने सबको हरा दिया। आखिर में राम और रावण आमने-सामने आए। राम ने अपने तीर से रावण को मार गिराया। इस तरह बुराई हारी और अच्छाई जीती।


सीता की आग की परीक्षा -रावण के मरने के बाद सीता वापस आईं। लेकिन कुछ लोग सीता पर सवाल उठाने लगे। राम ने कहा, "सीता, तुम आग में से गुजरकर अपनी सच्चाई दिखाओ।" सीता आग में गईं और बिना जले बाहर आईं। सबको पता चल गया कि सीता सचमुच सच्ची थीं।


अयोध्या लौटे राम-14 साल जंगल में रहने के बाद राम, सीता और लक्ष्मण अयोध्या आए। भरत ने राम को राजा बनाया। उस दिन सबने दीये जलाए। आज भी हम उस दिन को दीपावली के नाम से मनाते हैं।




रामायण हमें बताती है कि अपने माँ-बाप की बात माननी चाहिए। राम ने पिता का वचन रखा। सीता ने राम का साथ दिया। लक्ष्मण ने भाई की सेवा की। यह कहानी हमें हिम्मत देती है कि मुश्किल में भी हार मत मानो।

रामायण की कथा को सरल भाषा में जानें राम का वनवास सीता हरण और रावण का अंत|pauranik katha | Ramayan katha |Ramayan kahani रामायण की कथा को सरल भाषा में जानें राम का वनवास सीता हरण और रावण का अंत|pauranik katha | Ramayan katha |Ramayan kahani Reviewed by Health gyandeep on मार्च 22, 2025 Rating: 5
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